Home ताज़ातरीन अब नहीं चलेगा 2000 रुपये का नोट, सितंबर तक बदलने की मोहलत, विपक्ष का मोदी सरकार पर तीखा वार

अब नहीं चलेगा 2000 रुपये का नोट, सितंबर तक बदलने की मोहलत, विपक्ष का मोदी सरकार पर तीखा वार

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अब नहीं चलेगा 2000 रुपये का नोट, सितंबर तक बदलने की मोहलत, विपक्ष का मोदी सरकार पर तीखा वार

भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट के चलन को रोक दिया है. शुक्रवार को जारी बयान में आरबीआई ने कहा है कि इन नोटों को सितंबर, 2023 तक बदला जा सकता है. हालांकि 2 हजार रुपये के इन नोट को बैंकों में 23 मई से जमा किया जा सलेगा. आरबीआई ने बताया कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे.

आरबीआई ने बैंकों से नए 2000 के नोट जारी करने पर तुरंत रोक लगाने को कहा है. नोटों की बदली के लिए सभी बैंकों को निर्देश भेज दिए गए हैं. हालांकि आरबीआई ने ये साफ़ नहीं किया है कि इसके बाद क्या होगा. ये संभावना है कि आरबीआई इस बारे में जल्द ही कोई नया दिशा निर्देश जारी करेगी.

इस बीच कांग्रेस, टीेएमसी और आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है तो बीजेपी ने इसका बचाव किया.

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि 2000 के नोट कभी भी ‘क्लीन’ नोट नहीं थे. लोगों ने इस नोट का इस्तेमाल बड़ी संख्या में कभी नहीं किया. इसका इस्तेमाल सिर्फ़ काले धन को अस्थायी तौर पर रखने के लिए किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘नोटबंदी ने अपना चक्र पूरा कर लिया है.’

टीएमसी की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह 2 हजार रुपये के नोट का धमाका नहीं था, बल्कि एक अरब भारतीयों के लिए एक बिलियन डॉलर का धोखा था. जागों मेरे प्यारे भाईयों और बहनो. नोटबंदी के कारण हमने जो पीड़ा झेली उसे भुलाया नहीं जा सकता. जिन लोगों ने ये पीड़ा दी है, उन्हें माफ नहीं किया जाना चाहिए.

इधर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है, “पहले बोले कि 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा.” और “अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा, इसलिए हम कहते हैं, पीएम पढ़ा लिखा होना चाहिए.”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी आरबीआई के इस फैसले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा ‘कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है. 2000 के नोट मामले में भी ऐसा ही हुआ, लेकिन इसकी सज़ा जनता, अर्थव्यवस्था ने भुगती है. शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है’.

याद रहे कि नवंबर 2016 में अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की रात को अचानक ही पांच सौ और हज़ार रुपए के नोट बंद करने की घोषणा कर दी थी. फिर सरकार गुलाबी रंग का दो हज़ार रुपए का नया बड़ा नोट लेकर आई थी. उस रात प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि रात 12 बजे के बाद से पांच सौ और हज़ार रुपए के नोट बंद हो जाएंगे और इनकी जगह भारतीय रिज़र्व बैंक दो हज़ार रुपए और पांच सौ रुपए के नए नोट जारी करेगी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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