Home ताज़ातरीन अग्निपथ योजना को लेकर 13 राज्यों में बवाल, बिहार के 12 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद, बलिया में धारा 144 लागू

अग्निपथ योजना को लेकर 13 राज्यों में बवाल, बिहार के 12 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद, बलिया में धारा 144 लागू

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अग्निपथ योजना को लेकर 13 राज्यों में बवाल, बिहार के 12 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद, बलिया में धारा 144 लागू

 

अग्निपथ स्कीम विरोध : दिन शुरू होते ही यूपी-बिहार में विरोध प्रदर्शन चालू हो गए थे. कई जगह पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी. रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की. तेलंगाना, यूपी और बिहार के अलावा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली में भी प्रदर्शन की आंच पहुंची है.
सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना का लगातार तीसरे दिन जमकर विरोध जारी रहा. शुक्रवार को भी देश के कई शहरों में जबरदस्त हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला. आठ से ज़्यादा जगहों पर रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई. सिकंदराबाद, दानापुर, इस्लामपुर, लखीसराय, बेतिया, बलिया, मुज़फ़्फ़रपुर, समस्तीपुर में ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया. सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. बीते 3 दिनों में रेलवे को करोड़ों का नुक़सान हुआ है. सशस्त्र बलों में भर्ती से संबंधित ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के कारण अब तक 300 से अधिक ट्रेन प्रभावित हुई हैं जबकि 234 रद्द की जा चुकी हैं. वहीं, सात ट्रेनें आगजनी की चपेट में आई हैं. रेलवे ने कहा कि प्रदर्शन के कारण 94 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन जबकि 140 यात्री ट्रेन रद्द की जा चुकी हैं. वहीं 65 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन और 30 यात्री ट्रेन आंशिक रूप से रद्द की गई हैं.


बिहार के आरा ज़िले में रेलवे स्टेशन जलाने के बाद 3 लाख रुपये लूटे जाने की बात सामने आ रही है.
बिहार में नेताओं को भी निशाना बनाया गया. उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के बेतिया के आवास पर हमला किया गया. इसके बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल के आवास पर भी भीड़ ने हमला कर दिया. हालांकि संजय जयसवाल हमले के दौरान घर पर मौजूद नहीं थे. शहर के अस्पताल रोड स्थित प्रदेश अध्यक्ष के आवास को निशाना बनाया गया जिसमें एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया है.


उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में अग्निपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने अगले दो महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने प्रशासन के माध्यम से 12 निर्देशों की एक सूची साझा की है जिनका इस अवधि के दौरान पालन किया जाना है.


इस निर्देश के अनुसार, “जुमे की नमाज़ के बाद अलग – अलग स्थानों पर हुई हिंसक घटनाएं, अग्निपथ योजना के विरोध और आगामी तेयोहार बकरीद और मोहर्रम को देखते हुए शांति भंग होने की संभावना है. इसलिए 17 जून 2022 से लेकर दो महीने तक अवधि के लिए बलिया में धारा 144 लागू रहेगी.”
इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर मनाही होगी, न कोई जलूस निकाला जाएगा और न ही कोई धरना प्रदर्शन होगा. हालांकि ये नियम सामाजिक रीति-रिवाज़ों और जुमे की नमाज़ पर लागू नहीं होगा.
बता दें कि बलिया में शुक्रवार सुबह युवाओं ने अग्निपथ स्कीम का विरोध करते हुए रेलवे स्टेशन पर खड़ी दो ट्रेनों में तोड़फोड़ की थी. हालांकि अग्निपथ स्कीम को लेकर हो रहे विरोध में अब तक करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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