Friday, March 29, 2024
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अगर शीर्ष पहलवानो ने केस दर्ज कर दिया तो सरकार की इज्जत कहाँ बचेगी ?

अखिलेश अखिल

एक तरफ बीजेपी चुनावी तैयारी में जुटी है और दूसरी तरफ ठंढ में देश के शीर्ष पहलवान धरना पर बैठे कुश्ती संघ को भंग करने से लेकर संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण को दंडित करने के साथ ही संघ के अधिकारीयों को जेल भेजने की मांग पर अड़े हुए हैं. भारत के खेल इतिहास का यह अनोखा दृश्य है. जो घटनाएं घट रही है कि इससे राष्ट्र के नाम पर जहां महिलाये अपना सर्वश्व देने को तैयार है. वहाँ उसके साथ क्या व्यवहार किया जाता है.

गुरूवार को धरना पर बैठे पहलवानो की संख्या अचानक बढ़ती चली गई. पहले दर्जन भर पहलवान संघ के खिलाफ आवाज उठा रहे थे और अब देश भर से सैकड़ों पहलवान धरना में पहुँच कर सरकार की नीतियों के साथ ही यौन शोषण करने वालो को दण्डित करने की मांग कर रहे हैं. पहलवानो ने साफ़ कर दिया है कि सरकार कुश्ती संघ को जब तक भंग नहीं करती है और बृजभूषण को जेल नहीं भेजती है तो हम उनपर एफआईआर दर्ज कराएंगे. और ऐसा हुआ तो यह देश के खेल इतिहास का काला दिन होगा. पहलवानो ने साफ़ किया है कि हम अभी भी सरकार से अपनी मांगो को पूरा करने की अपील कर रहे हैं. हमें बाध्य न किया जाय. हमारी इज्जत तो नहीं लौट सकती है, लेकिन कुश्ती संघ के लोगों ने जो कुकर्म महिला पहलवानो के साथ किया है, उसे दंड दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता है.

गुरूवार को बीजेपी नेता और शीर्ष कुश्ती खिलाडी बबिता फोगाट हालांकि पहलवानो के साथ खड़ी रही और सरकार के साथ मेल मिलाप की बाते भी हुई, लेकिन कुश्ती पहलवानो ने साफ़ किया है कि हमें सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं और कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है. महिला पहलवानो के स्पष्ट किया कि हम सिर्फ कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण से सिर्फ इस्तीफा ही नहीं चाहते हैं. हम उन्हें जेल भेजना चाहते हैं. पहले हम क़ानूनी कार्रवाई नहीं चाहते थे. क्योंकि हमें पता था कि कोई समाधान निकल जाएगा. लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ. विनेश फोगट ने कहा कि, हम विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक पदक विजेता हैं इसलिये हम पर संदेह मत कीजिये, हम सच बता रहे हैं, विश्वास कीजिये.

महिला पहलवानो ने साफ़ किया है कि जिस कमरे में महिलाओं का यौन शोषण किया गया, वहां से कैमरे हटा दिए गए थे, फिर कई महिलाओं के पास उसके साक्ष्य हैं. करीब आधा दर्जन महिलाओं के साथ यौन शोष हुए है और उसके प्रमाण भी मौजूद हैं. अगर उस प्रमाण को सामने रख दिया गया तो सरकार के साथ ही संघ के लोग बेनकाब हो जायेंगे. इसलिए हमें इसकी जरूरत नहीं पड़े, सरकार को चाहिए कि वो कार्रवाई करे और संघ को भंग कर नेता को जेल भेजे.

दो बार की विश्व चैम्पियनशिप विजेता विनेश ने आगे कहा कि कल तक की जानकारी के मुताबिक दो तीन महिलाये ही यौन शोषण की पीड़ित थी, अब आधा दर्जन महिलाओं के यौन शोषण के प्रमाण हमारे पास है. हम अभी उनका नाम नहीं ले सकते, वो भी किसी की बेटी – बहन हैं. लेकिन अगर हमें उनकी पहचान के लिये बाध्य किया जाता है तो यह एक ‘काला दिवस’ होगा.

अब सवाल है कि देश की बेटियों पर नाज करने वाले पीएम मोदी आखिर मौन क्यों है ? दुनिया में तिरंगा फहराने वाली लड़किया अब सरकार के सामने उसी तिरंगे की लाज बचने की मांग कर रही है. सरकार को जल्द इस पर कार्रवाई करने की जरूरत है. अन्यथा देश के इतिहास में एक अध्याय लिखा जा सकता है. यह ऐसा काला अध्याय होगा जिसके बाद देश की कोई भी बेटी खेल में जाने से कतराएगी.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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