Friday, November 22, 2024
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पहले नोटबंदी और अब नकली नोट पर टिका भारत 

 

अखिलेश अखिल

 

सरकार और बीजेपी के लोग देश की हालत की सच्चाई जानते हैं लेकिन जनता को गुमराह करने से पीछे नहीं रहते. मौजूदा सरकार का यह अजीब निराला खेल है. नोटबंदी के समय भी वह जनता से बहुत कुछ छुपा रही थी और जनता को नोटबंदी के फायदे गिना रही थी. लेकिन नोटबंदी की वजह से जो सच सामने आया, ये सभी जानते हैं. नोटबंदी की असफलता को ढकने के लिए सरकार नैरेटिव बदलती रही और आखिर में जनता को राशन और कुछ पैसे देकर उसे चुप कराती रही. आज भी यह सब चल रहा है. साफ़ है कि इसमें सरकार का दोष चाहे जो भी हो असली दोषी तो जनता है जो धर्म और जाति के साथ ही नकली अर्थव्यवस्था पर डफली पीटती है, लेकिन सच जानने की कोशिश नहीं करती. नोटबंदी के दौरान भी आरबीआई ने कई संकेत दिए थे, और उसे देश के लिए सही नहीं माना था. अब आरबीआई की जो ताज रिपोर्ट सामने आयी है वह तो चौकाने वाली है.

मोदी सरकार के नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला बुरी तरह से फेल हुआ है, इस बात का एक और सबूत सामने आया है. आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार देश में 500 और 2000 के रुपए के नकली नोटों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई है. अब इसी मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने पीएम मोदी को कटघरे ला खड़ा किया है. डेरेक ओ ब्रायन ने एक वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम मोदी से नोटबंदी से जुड़ा सवाल पुछा है. डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “नमस्कार मिस्टर पीएम नोटबंदी याद है ? और कैसे ममता बनर्जी ने आपके इस कदम की आलोचना की थी ? आपने कैसे राष्ट्र से वादा किया था कि नोटबंदी सभी नकली नोटों को मार्केट से खत्म कर देगी. लेकिन यह आरबीआई की हालिया रिपोर्ट है, जो नकली नोटों की संख्या में भारी वृद्धि की ओर इशारा करती है.”

खबरों के अनुसार, 500 रुपए के नकली नोट एक साल में दोगुने हो गए हैं. पिछले साल की तुलना में 500 रुपए के 101.9% ज्यादा नोट और 2 हजार रुपए के 54.16% ज्यादा नोटों पाए गए. वित्तीय वर्ष 2022 में बैंक में जमा हुए 500 और 2000 रुपए के नोट में 87.1% नकली नोट थे जबकि वित्तीय वर्ष 2021 (1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक) यह आंकड़ा 85.7% था. खबरों के अनुसार 31 मार्च 2022 तक चलन में मौजूद नोटों का कुल 21.3% था.

वित्त वर्ष 2022 के दौरान 2.3 लाख नोटों का पता चला, जबकि वित्त वर्ष 2021 में 2 लाख नोटों का पता चला था. 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या पिछले वर्ष के 39,453 से दोगुनी होकर 79,699 हो गई. आरबीआई द्वारा वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान बैंक नोटों के बीच किए गए. एक सर्वेक्षण के अनुसार, 100 रुपये सबसे पसंदीदा थे, जबकि 2,000 रुपये सबसे कम पसंदीदा नोट थे. सिक्कों में, 5 रुपये के मूल्यवर्ग को सबसे अधिक पसंद किया गया जबकि 1 रुपये को सबसे कम पसंद किया गया.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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