पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उनकी सजा पर फौरी रोक लगाते हुए रिहाई के आदेश दिए हैं. इमरान खान पर आरोप था कि उन्होंने सस्ते दामों में सरकारी गिफ्ट को खरीदा था और उसके बाद उन्हें महंगे दामों में बेच कर रूपये खुद रख लिए थे.
इससे पहले हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारुक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला मंगलवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. हालांकि दिन में हाई कोर्ट ने उस अपील की सुनवाई फिर से शुरू की, जो 22 अगस्त से कोर्ट में सुनी जा रही थी. इससे पहले पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के वकील अमजद परवेज बीमारी की वजह से कोर्ट में पेश नहीं हो सके थे. इसलिए शुक्रवार को अदालत में सुनवाई स्थगित कर दी गई थी.
इमरान खान के वकील लतीफ खोसा ने उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी बहस बीते गुरुवार (24 अगस्त) को पूरी कर ली थी और कहा था कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में दिया गया है और खामियों से भरा हुआ है. उन्होंने कोर्ट से फैसले को रद्द करने का आग्रह किया था, लेकिन बचाव पक्ष ने अपनी बहस को पूरी करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की थी. इसके बाद कोर्ट ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
याद रहे कि इस्लामाबाद की एक निचली अदालत ने 5 अगस्त को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशा खाना केस में भ्रष्टचार का दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी. साथ ही उनके आगामी चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाते हुए उन्हें पांच वर्ष के लिए राजनीति में हिस्सा लेने से भी प्रतिबंधित किया गया था.