अखिलेश अखिल
कांग्रेस का भविष्य क्या होगा, इसके बारे में दावे के साथ तो कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन प्रशांत किशोर जिस तरह का प्रेजेंटेशन पार्टी नेताओं के सामने रख रहे हैं उससे साफ़ है कि अब पार्ट्री के बुजुर्ग नेताओं के दिन जाने वाले हैं. प्रशांत किशोर ने सोनिया गाँधी और पार्टी के अन्य नेताओं के सामने जो प्रेजेंटेशन दिया है उसमे साफ़ तौर पर कहा गया है कि पार्टी के बुजुर्ग नेताओं को बाहर किया जाए. इनसे पार्टी को कोई लाभ नहीं है. हालांकि सोनिया गाँधी इस पर क्या फैसला लेंगी इसपर अभी कोई खुलास नहीं हुआ है.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के पुनरुत्थान के लिए पार्टी नेतृत्व के सामने अपना प्रेजेंटेशन दे दिया है. अपने प्रेजेंटेशन में प्रशांत किशोर ने गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का सुझाव भी दिया है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, अपने सुझाव में प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी परिवार के तीन सदस्य सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी में से कोई भी कांग्रेस का अध्यक्ष न रहें, बल्कि इनके स्थान पर परिवार से बाहर के नेताओं को पार्टी की कमान सौंपी जानी चाहिए.
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व को यह सुझाव दिया है कि सोनिया गांधी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की चेयरपर्सन बनी रहें. राहुल गांधी संसदीय बोर्ड के नेता बनें और प्रियंका गांधी को पार्टी का समन्वय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी जाए. इसके साथ ही, उन्होंने अपने सुझाव में यह भी कहा है कि कांग्रेस को पूरी आक्रामकता के साथ गठबंधन की राजनीति करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पूर्व और दक्षिण के दो सौ अहम सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्व और दक्षिण के इन दो सौ सीटों पर भाजपा का वर्चस्व नहीं है.
प्रशांत किशोर ने अपने सुझाव में पार्टी नेतृत्व को यह सुझाव भी दिया है कि कांग्रेस को अपने पुराने वैचारिक धरातल पर वापस लौटना होगा. उसे देश के एक लोकतांत्रिक पार्टी के तौर पर काम करना चाहिए. इसके साथ ही, कांग्रेस को देश की जनता में यह भरोसा पैदा करना होगा कि वह परिवारवाद की राजनीति और भ्रष्टाचार से ताल्लुक नहीं रखती. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के पुनरुत्थान के लिए पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर उन्हें मजबूत करने पर जोर दिया है.
सबसे बड़ी बात यह है कि प्रशांत किशोर ने बुजुर्ग और निष्क्रिय हो चुके पुराने नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का भी सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर नया नेतृत्व तैयार करना होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने सूचना तंत्र को भी मजबूत करना होगा. इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ नारे भी बताए हैं, जिसका पार्टी की ओर से इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने ‘हानिकारक मोदी’ और ‘मोदी जाने वाले हैं’ के नारे दिए हैं.