मोदी सरकार गरीबों और आम जनता के लिए चल रही सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा करने जा रही है, ताकि पता चल सके कि इन योजनाओ की स्थिति क्या है ? और इसका कितना असर हुआ हैं? अगर इन योजनाओं की राह में कोई कमी दिखेगी तो उसे दूर करने का भी प्रयास किया जाएगा. ताकि सामाजिक सुरक्षा में कोई अड़चन न आने पाए. ये समीक्षा 19 जनवरी यानी गुरुवार को होनी है. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है.
बता दें कि मोदी सरकार सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कई योजनाए चल रही है, जैसे मुद्रा योजना, जनधन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पीएम स्वनिधि योजना के साथ ही कई और योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों की बैठक बुलाई गई है.
सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ वित्त मंत्रालय की बैठक आज हो रही है. बैठक में बहुत हद तक वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं की समीक्षा की जाएगी. वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री जन धन योजना की समीक्षा की जाएगी. इसके अलावा, रेहड़ी पटरी वालों के लिये प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि योजना की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी. सरकार ने इस योजना को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया है.
याद रहे कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने कोरोना महामारी से प्रभावित रेहड़ी लगाने वालों को उनकी आजीविका के लिए फिर से काम शुरू करने में मदद के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एक जून 2020 को पेश की थी. योजना के तहत 10,000 रुपये का लोन बेहद रिआयती ब्याज दरों पर उपलब्ध कराया जाता है.
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना के लक्ष्यों उसकी उपलब्धियों की भी समीक्षा की जाएगी. सरकार ने अपनी प्रमुख बीमा योजनाओं- पीएमजेजेबीआई और पीएमएसबीआई को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए पिछले साल उनका प्रीमियम बढ़ाया था. इसके अलावा मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया योजना की भी समीक्षा की जाएगी. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को 2015 में गैर-औद्योगिक, गैर-कृषि लघु या सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराने के लिए पेश किया गया था.