बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अब किसी दूसरे नेता को डिप्टी सीएम बनाने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद विस्तार में राजद और कांग्रेस को जगह मिल सकती है. नीतीश का यह बयान समाधान यात्रा के बीच सामने आया है. इस बयान के बाद साफ़ हो गया है कि उपेंद्र कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाने से जुडी खबरे प्लांट की जा रही थी. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने पहले ही कह दिया था कि सीएम का जो भी निर्णय होगा, उन्हें मान्य होगा और उपमुख्यमंत्री बनने की उन्हें कोई जल्दबाजी भी नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा, “हम सात दलों का गठबंधन हैं, और प्रत्येक घटक दल का एक निश्चित हिस्सा है. जिनके मंत्रियों ने पद छोड़े हैं, उन्हें तदनुसार समायोजित किया जा सकता है. हमारे पास कांग्रेस से भी कुछ और हो सकते हैं.”
बता दें कि राजद कोटे से दो मंत्रियों- सुधाकर सिंह और कार्तिक कुमार ने पिछले साल अगस्त में महागठबंधन की सरकार बनने के चंद महीनों के भीतर ही इस्तीफा दे दिया था. इसके अलावा, कांग्रेस, जिसे दो बर्थ दी गई हैं, विधानसभा में अपनी संख्या के अनुरूप प्रतिनिधित्व की मांग कर रही है. बता दें कि 243 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक हैं. राजद 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि जदयू के पास 45 विधायक हैं.
उपेंद्र कुशवाहा का नाम लिए बिना, जो संसदीय बोर्ड जदयू के प्रमुख हैं, नीतीश कुमार ने कहा, “मैं एक और डिप्टी सीएम होने के बारे में यह बात सुनकर चकित हूं. यह बकवास है. मुझे एक से अधिक डिप्टी सीएम होने के कारण मजबूर होना पड़ा. मुझे यह दोहराने की जरूरत नहीं है कि मैं तब मुख्यमंत्री भी नहीं बनना चाहता था.”
बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद, बीजेपी ने कुमार के भरोसेमंद दोस्त सुशील कुमार मोदी को उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया था और उपमुख्यमंत्री पद के लिए दो कम कट्टर नेताओं, तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी का समर्थन किया था.
नीतीश कुमार ने संकेत दिए हैं कि वह अपने प्रतिद्वंद्वी से सहयोगी बने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे यादव को कमान सौंपना चाहते हैं. वह यह भी संकेत दे रहे हैं कि वह अगले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए अपनी ऊर्जा समर्पित करना चाहते हैं.