बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक 16 जनवरी से दिल्ली में होगी. इसमें पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को विस्तार की मंजूरी दी जा सकती है. पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पार्टी के प्रमुख संगठनात्मक निकाय की बैठक में विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर विचार किया जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी जायजा लिया जाएगा. बैठक में G-20 की भारत की अध्यक्षता को लेकर सरकार की ओर से तैयार देशव्यापी कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श की संभावना है. पार्टी इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करेगी.
बीजेपी अध्यक्ष के रूप में नड्डा का तीन वर्ष का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा हो रहा है. और इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है.
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जेपी नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा हो रहा है. इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है.
सूत्रों ने बताया कि भारत को मिली G-20 की अध्यक्षता के मौके पर सरकार द्वारा आयोजित देशव्यापी कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श बैठक के मुख्य आकर्षण में से एक होने की संभावना है. क्योंकि बीजेपी इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करेगी. और इस कवायद में अपने कार्यकर्ताओं को शामिल करने का खाका तैयार करेगी.
हाल में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन और केंद्र में बीजेपी की सरकार के कामकाज पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है. बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर संगठनात्मक चुनावों को स्थगित करने पर भी चर्चा हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, अप्रैल-मई 2024 में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पार्टी में आंतरिक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
नड्डा के पूर्ववर्ती और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारी का नेतृत्व करने के लिए कार्यकाल का विस्तार मिला था. संसदीय चुनावों के बाद ही बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव शुरू हुए और नड्डा को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया और प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान शाह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.
एक अनुभवी संगठनात्मक व्यक्ति जेपी नड्डा के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेतृत्व के साथ भी अच्छे संबंध हैं. उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास हासिल है. पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि उन्होंने उस संगठनात्मक गतिशीलता को बनाए रखा है, जो बीजेपी को उनके पूर्ववर्ती के कार्यकाल में मिली थी.