भारत की अध्यक्षता में G-20 की पहली बैठक 4 से 7 दिसंबर के दौरान राजस्थान के उदयपुर में शुरू हो गई है. इस दौरान G-20 के शेरपा अमिताभ कांत बैठक की मेजबानी कर रहे हैं. बैठक का उद्देश्य विकास को बढ़ावा देना और बीस देशों के बीच संबंधों का निर्माण करना है. बैठक के लिए प्रतिनिधियों को ठहराने के लिए फतेह प्रकाश पैलेस, होटल उदय विलास और लीला पैलेस में व्यवस्था की गई है.
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका मजबूत साझेदार हैं. दोनों एक – दूसरे की तमाम मंचों पर मदद करते रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, मैं भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने को उत्सुक हूं. दोनों देश जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी चुनौतियों से निपटते और सतत व समावेशी विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे.
बता दें कि आर्थिक संकटों से निपटने के लिए समन्वित उपाय करना संगठन का प्राथमिक ध्येय है. इसमें 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के अलावा संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे संगठनों के अलावा बांग्लादेश, सिंगापुर, स्पेन और नाइजीरिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं भी शामिल हैं, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा धारा तय की जा सके.
भारत के साथ चुनौती भी है. यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिम और रूस के बीच तालमेल बिठाना सबसे बड़ी चुनौती होगी. चीन के साथ सीमा पर तनाव के चलते लगातार असमंजस बना रहेगा. चूंकि 2023 में एसएसीओ सम्मेलन भी भारत में होना है, जिसमें पाकिस्तानी पीएम को भी आमंत्रित किया जाएगा. लिहाजा, पाकिस्तान के साथ भी तनाव को नियंत्रण में रखना होगा.
बता दें कि G-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है. हर साल समूह का एक सदस्य इसकी अध्यक्षता ग्रहण करता है. यह पहली बार है कि G-20 की अध्यक्षता की तिकड़ी (ट्राइको) में तीन विकासशील देश शामिल हैं. भारत से पहले इंडोनेशिया इसका अध्यक्ष था, समूह की अध्यक्षता भारत से ब्राजील और फिर दक्षिण अफ्रीका के पास जाएगी. इस तरह 2025 तक विकासशील देशों के एजेंडे पर ही G- 20 काम करेगा.