ईरानी सेना के ताक़तवर विंग रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे लोगों को वार्निंग देते हुए कहा है कि वो इसे फौरन बंद कर दें. उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहा कि शनिवार का दिन विरोध प्रदर्शन का आखरी दिन होगा. लोग गलियों में न निकलें. ईरान सरकार का आरोप है कि इस आंदोलन को अमेरिका और इजरायल हवा दे रहे हैं.
ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ़ हुसैन सलाम ने प्रदर्शनकारियों से सीधा मुखातिब होते हुए कहा, “अपनी चालाकियां बंद करें. शनिवार का दिन आपके आंदोलन का आखिरी दिन है. अब सड़कों पर न उतरें. हम ईरान के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हैं.” यह संकेत है कि आने वाले दिनों में ईरानी बल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ और सख्ती बरतेगा. हालांकि चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए प्रदर्शनकारियों का देश के कई स्थानों पर आंदोलन जारी है.
पिछले दिनों ईरान में कुर्दिश ईरानी महिला महसा अमीनी की मौत के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर पड़े थे. दरअसल कुर्दिस्तान प्रांत के शहर साक़िज़ की रहने वाले कुर्दी ईरानी महिला महसा अमीनी ने तेहरान में एक अस्पताल में दम तोड़ दिया. वो तीन दिनों तक कोमा में रही थीं. बताया गया कि हिजाब न पहनने पर महसा को हिरासत में लिया गया था.
हालांकि ईरान सरकार ने सीसीटीवी का एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि महसा अमीनी की मौत पुलिस की पिटाई से नहीं बल्कि उनकी मौत अचानक बिगड़ी तबीयत के कारण हुई थी. जारी वीडियो में साफ देखा जा सकता है महसा अमीनी मॉरल पुलिस थाने बिल्कुल ठीक ठाक और चल कर पहुंचती हैं, फिर वो एक पुलिस अधिकारी से बात करती दिखती हैं, लेकिन अचानक ही वो नीचे गिर पड़ती हैं, जिन्हें थाने में मौजूद लोगों की मदद से कुछ लोग एंबुलेंस में ले जाते हुए देखे जा सकते हैं. जो अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ देती हैं.
इस घटना के बाद वहां बड़ी तादाद में लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसक घटनाएं भी हुई हैं, जिन में दर्जनों लोगों की मौत और सैंकड़ों घायल हुए हैं. इस अशांति, हिंसा और प्रदर्शन के लिए ईरान की सरकार अमेरिका, इजराइल और कुर्द लोगों को मानती है.