Home ताज़ातरीन एएमयू की बिल्डिंग को बम से उड़ाने वाले बयान पर घिरे नरसिंहानंद 

एएमयू की बिल्डिंग को बम से उड़ाने वाले बयान पर घिरे नरसिंहानंद 

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एएमयू की बिल्डिंग को बम से उड़ाने वाले बयान पर घिरे नरसिंहानंद 

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने फिर से विवादित बयान दिया है. स्वामी का यह बयान एएमयू के अमुटा चुनाव स्थगित करने को लेकर सामने आया है. उन्होंने कहा कि, एएमयू की बिल्डिंग को बमों से उड़ा देना चाहिए. नरसिंहानंद यहीं नहीं रुक इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी, नीतीश कुमार, लंपी वायरस, मदरसे, ज्ञानवापी और लखीमपुर खीरी मामले को लेकर जमकर हमला बोला.

बता दें कि नरसिंहानंद, अलीगढ़ में नौरंगाबाद स्थित सनातन सभागार में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के समापन समारोह में शामिल हुए. जिसके बाद मीडिया से बात करते हुए जब उनसे एएमयू के अमुटा चुनाव को स्थगित करने के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा ये इस्लाम का सबसे बड़ा गढ़ है. यहां से ही भारत के विभाजन की नींव रखी गई. जो हाल मदरसों का है, इसको भी बिल्कुल उड़ा देना चाहिए. इसमें जो रहते हैं, उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजकर, जहां उनके दिमाग का इलाज हो सके. इस पूरी बिल्डिंग को ध्वस्त कर देना चाहिए, बमों से उड़ा देना चाहिए.

अलीगढ़ के एसपी सिटी कुलदीप सिंह कुमावत ने बताया कि, भागवत महापुराण कथा के लिए अनुमति नहीं दी थी. इसमें यति नरसिंहानंद सरस्वती महाराज ने भाग लिया, इसके अलावा संप्रदाय विशेष के संस्थानों के संबंध में धमकी भरे शब्दों का प्रयोग कर आपत्तिजनक टिप्पणी की. इस संबंध में अलीगढ़ के थाना गांधी पार्क में नरसिंहानंद समेत 3 पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

ज्ञानवापी को लेकर नरसिंहानंद ने कहा कि, वह मस्जिद नहीं है मंदिर है. हमें सारी मेहनत मक्केश्वर महादेव पर करनी चाहिए. मक्केश्वर महादेव हमारे पास आएं. पूरी दुनिया में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गईं हैं, वह हमारे पास होनी चाहिए. लखीमपुर मामले पर उन्होंने कहा कि वह अपराध नहीं, बल्कि इस्लाम का जिहाद है.

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर नरसिंहानंद ने कहा कि, यह एक मज़ाक है. राहुल गांधी, जो जिहादियों का खुलकर साथ देते हैं, उन्होंने और पूरे गांधी परिवार ने देश को बर्बाद कर दिया. वह पाकिस्तान और बांग्लादेश में जाएं, पहले उन्हें जोड़ दें, फिर हम जुड़ जाएंगे. नीतीश कुमार पर वह बोले कि राजनीति मज़ाक बनके रह गई है, जब नीतीश बिना बीजेपी की बेसाखी के मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, तो प्रधानमंत्री कैसे बनेंगे. नेताओं की सोच विकलांग हो चुकी है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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