पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने और साझा हितों की पूर्ति के लिए उन्हें विकसित करने की संभावनाएं तलाशने पर जोर दिया है. यूएई के आधिकारिक मीडिया ने यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री मोदी का यह पत्र विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएई के राष्ट्रपति को उस समय सौंपा, जब उन्होंने शुक्रवार को खाड़ी देश की अपनी यात्रा के दौरान दुबंई में उनसे मुलाकात की.
जयशंकर इस सप्ताह यूएई-भारत संयुक्त समिति के 14वें सत्र और यूएई-भारत सामरिक वार्ता के तीसरे सत्र की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में थे. यूएई की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘डब्ल्यूएएम’ ने बताया कि पत्र दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने और साझा हितों की पूर्ति के लिए इन्हें विकसित करने की संभावनाएं तलाशने से संबंधित है.
‘डब्ल्यूएएम’ के मुताबिक, बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं और व्यापक रणनीतिक साझेदारी तथा यूएई-भारत व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के ढांचे के भीतर आपसी रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग के महत्व पर चर्चा की. इसके अलावा उन्होंने आपसी चिंता के कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बातचीत की.
जयशंकर ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘मेरी आवभगत के लिए राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को धन्यवाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत बधाई और हार्दिक शुभकामनाओं से राष्ट्रपति को अवगत कराया. हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने में उनके मार्गदर्शन को हम अत्यंत महत्व देते हैं.’’
वित्त वर्ष 2021-22 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 72 अरब अमेरिकी डॉलर का था. यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार और दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है. भारत में यूएई से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है, और वर्तमान में यह 12 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है.
भारतीय प्रवासी समुदाय यूएई में सबसे बड़ा जातीय समुदाय है, जो देश की आबादी का लगभग 35 प्रतिशत है.
वर्ष 2020-21 के लिए लगभग 16 अरब अमेरीकी डॉलर की राशि के साथ यूएई (अमेरिका और चीन के बाद) भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य रहा. यूएई के संबंध में भारत वर्ष 2020 में लगभग 27.93 अरब अमेरीकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार के साथ तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश बनकर उभरा.