कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा ? इसको लेकर फिर से चर्चा जोरों पर है. पार्टी के भीतर और बाहर भी. जिस तरह से पार्टी की लगातार हार हो रही है, और संगठन कमजोर हुआ है. उसे देखते हुए कई नेता इस पद पर जाने से कतरा रहे हैं, तो कई नेताओ की उम्मीदें बनती भी दिख रही है. ये बात और है कि कांग्रेस के भीतर अधिकतर नेता आज भी राहुल गाँधी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं. लेकिन राहुल गांधी ऐसा नहीं चाह रहे हैं. प्रियंका गाँधी भी इस मसले पर मौन है. सामने कई राज्यों के चुनाव हैं, लेकिन पार्टी के पास कोई स्थाई अध्यक्ष नहीं. कांग्रेस का संकट बड़ा हो गया है.
हालांकि, कांग्रेस के कई सीनियर नेता इस बात पर जोर देते रहे हैं कि गांधी परिवार के बाहर के किसी शख्स के पार्टी अध्यक्ष बनने का समय आ गया है. ध्यान रहे कि बीते तीन साल में कांग्रेस कोई बड़ा चुनाव नहीं जीत पाई है. सवाल है कि अगर राहुल दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इनकार कर देते हैं और सोनिया भी अब पीछे हट जाती हैं तो क्या होगा? आखिर वो कौन से चेहरे हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.
इस लिस्ट में मध्य प्रदेश पार्टी चीफ कमलनाथ का नाम आगे बताया जाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कमलनाथ से इस बात लेकर संपर्क भी किया गया था लेकिन उन्होंने इसके लिए इनकार कर दिया. वह एमपी में ही अपनी सक्रियता बढ़ाना चाहते हैं. कांग्रेस के कुछ नेता सुझाव देते हैं कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए किसी दलित चेहरे को आगे लाना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो प्रियंका गांधी का नाम पीछे छूट सकता है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम भी इस लिस्ट में है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस पद के लिए बड़े दावेदार माने जाते हैं. इनके अलावा कुछ लोग जयराम रमेश और अंबिका सोना में भी इसकी संभावना देखते हैं. हालांकि, अभी कुछ भी दावे के साथ कहना संभव नहीं है. जानकारों का मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष किसे बनाया जाए, इसका चुनाव कर पाना पार्टी आलाकमान के लिए भी बहुत मुश्किल हो गया है.
पार्टी की युवा इकाई हालांकि राहुल गाँधी को अध्यक्ष फिर से बनाने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन राहुल गांधी की अनिच्छा को देखते हुए पार्टी की युवा इकाई किसी दूसरे युवा नेता को अध्यक्ष बनाने की बात भी करती है. युवा नेताओं में कई चेहरे हैं जिसमे सचिन पायलट का नाम भी है. कई लोग मानते हैं कि अभी गहलोत को राजस्थान से बाहर निकलने से पार्टी को चुनाव में हानि हो सकती है. ऐसे में एक उम्मीद सचिन को लेकर भी बनती दिख रही है. हालांकि पार्टी अध्यक्ष कौन होगा ? इस पर मंथन जारी है. उम्मीद की जा रही है कि इस महीने तक इस पर निर्णय भी कर लिया जाएगा.