Friday, November 22, 2024
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एडीआर का खुलासा : पांच क्षेत्रीय दलों को खूब मिले चंदे 

 

न्यूज़ डेस्क

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि देश में क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे में से 113.791 करोड़ रुपये (करीब 91 फीसदी) पांच पार्टियों को गया।. एडीआर द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के चुनाव आयोग के समक्ष क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे पर केंद्रित है।

रिपोर्ट के मुताबिक, घोषित चंदे के मामले में शीर्ष 5 क्षेत्रीय दल जदयू , द्रविड़ मुनेत्र कषगम , आम आदमी पार्टी , इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और तेलंगाना राष्ट्र समिति हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91.38 फीसदी यानी 113.791 करोड़ रुपये इन दलों के खजाने में गया है। जहां जदयू, द्रमुक और टीआरएस ने अपने चंदे में वृद्धि की घोषणा की है, वहीं, आप और आईयूएमएल ने वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चंदे में कमी की जानकारी दी है।

द्रमुक, टीआरएस, जदयू और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच चंदे से अपनी आय में अधिकतम प्रतिशत वृद्धि देखी। रिपोर्ट में शामिल 54 क्षेत्रीय दलों में से केवल 6 ने निर्धारित समय अवधि के भीतर निर्वाचन आयोग को अपनी दान रिपोर्ट जमा की। 25 अन्य दलों ने अपनी प्रस्तुति देने में तीन से 164 दिन तक की देरी की. 27 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे की कुल राशि 3,051 चंदे से 124.53 करोड़ रुपये थी. इसमें 20,000 रुपये से ज्यादा और कम दोनों रकम शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए झामुमो, एनडीपीपी, डीएमडीके और आरएलटीपी द्वारा चंदा मिलने की कोई जानकारी नहीं दी गई है। प्राप्त चंदे के मामले में, जदयू 330 दान से 60.155 करोड़ रुपये के साथ शीर्ष स्थान पर है। उसके बाद द्रमुक है, जिसे 177 दान से 33.993 करोड़ रुपये मिले हैं। आम आदमी पार्टी ने चंदे से 11.328 करोड़ रुपये प्राप्त करने की घोषणा की। आईयूएमएल और टीआरएस ने क्रमशः 4.165 करोड़ रुपये और 4.15 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है।

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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