Thursday, December 26, 2024
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मोदी सरकार का कमाल, आजाद भारत में पहली बार अनाज पर टैक्स, बड़े आंदोलन के लिए तैयार कारोबारी

आजाद भारत में अनाज पर पहली बार टैक्स लगा है. सोमवार से मोदी सरकार ने आटा, चावल और अन्य खाद्य वस्तुओं को टैक्स के दायरे में शामिल कर लिया है. जिसके साथ ही इनकी कीमतें भी बढ़ गईं. वहीं अब कारोबारी वर्ग देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बना रहा है. जानकारों का मानना है कि खाद्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने से महंगाई बढ़ेगी और इसका खामियाजा गरीबों और मिडिल क्लास के लोगों को ही भुगतना पड़ेगा.

एक करोड़ से अधिक छोटे दुकानदारों और थोक विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा है कि खाद्य उत्पादों पर 5 प्रतिशत जीएसटी और अन्य घरेलू वस्तुओं पर टैक्स में वृद्धि ने जनता और व्यापारियों पर महंगाई का बोझ बढ़ा दिया है. पहले से पैक और लेबल किए हुए दही, लस्सी और मुरमुरे (मुरी) जैसी रोजमर्रा की खपत वाली वस्तुओं पर अब 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा.

उधर विपक्ष ने भी सरकार के इस कदम पर कड़ा विरोध जताया है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर खाद्य वस्तुओं पर टैक्स को लेकर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है. राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोस्टर शेयर कर बताया कि किन वस्तुओं पर जीएसटी लगाई गई है और लिखा, “उच्च कर, कोई नौकरी नहीं! दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक को कैसे नष्ट किया जाए, इस पर बीजेपी की मास्टरक्लास.”

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर जीएसटी लागू है. रिकार्ड तोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा. जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं.” सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार को खाद्य वस्तुओं पर कर लगाने पर खूब खरी खोटी सुनाई.

हालांकि विरोध बढ़ा, उसके बाद सोमवार को वित्त मंत्रालय ने जीएसटी को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया. मंत्रालय ने बताया कि जीएसटी उन खाद्य वस्तुओं पर लगाई गई है, जिसका वजन 25 किलो से कम है. अगर व्यपारी 25 किलो या उससे अधिक का सामान लेकर उसे खुदरा वास्तु के रूप में बेंचे, तो उसपर कोई जीएसटी नहीं लगेगा.

अनाज और घरेलू सामान सहित कई उत्पादों पर करों में बढ़ोतरी के खिलाफ व्यापारी और दुकानदार अगले सप्ताह से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि पहले केवल ब्रांडेड कंपनियों के आटे, चावल और अन्य वस्तुओं पर जीएसटी लगता था.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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