Thursday, March 28, 2024
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स्कूली छात्राओं पर जहरीली गैस का हमला ना-काबिले माफी जुर्म है: अयातुल्ला खामेनेई

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने कहा है कि स्कूली छात्राओं पर जहरीली गैस का हमला

ना-काबिले माफी जुर्म है. अपने एक बयान में आयतुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने कहा कि इस अपराध को अंजाम देने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

पिछले साल नवंबर में शुरू हुई जहरीली गैस के हमलों का सिलसिला ईरान के 31 प्रांतों में से कम से कम 25 में फैल गया है. जिससे सैकड़ों छात्राएं प्रभावित हुई हैं. जिन्हें अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.

ईरानी सुप्रीम लीडर ने अपने बयान में कहा कि अधिकारियों को छात्राओं पर जहरीली गैस के हमले के मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए. यह ना-काबिले माफी जुर्म है, और इस जुर्म को अंजाम देने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

गौरतलब है कि ईरान के अलग-अलग स्कूलों में एक हजार से ज्यादा छात्राएं जहरीली गैस के हमले का सामना करना पड़ा है. जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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