ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने कहा है कि स्कूली छात्राओं पर जहरीली गैस का हमला
ना-काबिले माफी जुर्म है. अपने एक बयान में आयतुल्ला सैय्यद अली खामेनेई ने कहा कि इस अपराध को अंजाम देने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
पिछले साल नवंबर में शुरू हुई जहरीली गैस के हमलों का सिलसिला ईरान के 31 प्रांतों में से कम से कम 25 में फैल गया है. जिससे सैकड़ों छात्राएं प्रभावित हुई हैं. जिन्हें अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.
ईरानी सुप्रीम लीडर ने अपने बयान में कहा कि अधिकारियों को छात्राओं पर जहरीली गैस के हमले के मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए. यह ना-काबिले माफी जुर्म है, और इस जुर्म को अंजाम देने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
गौरतलब है कि ईरान के अलग-अलग स्कूलों में एक हजार से ज्यादा छात्राएं जहरीली गैस के हमले का सामना करना पड़ा है. जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.