Thursday, March 28, 2024
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सोनिया का सियासत छोड़ने का संकेत, कहा- भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही मेरी पारी भी हो सकती है समाप्त

छत्तीसगढ़ के रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सियासत छोड़ने के संकेत दिए हैं. सोनिया ने अपने संबोधन में कहा- भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही मेरी राजनीतिक पारी अब अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है.

सोनिया ने पहली बार पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी संभालने से लेकर अब तक आए उतार-चढ़ाव को लेकर अपनी बात खुल कर रखी. उन्होंने कहा- 1998 में जब मैं पहली बार पार्टी अध्यक्ष बनी तब से लेकर आज तक यानी पिछले 25 सालों में बहुत कुछ अच्छा और कुछ बुरा अनुभव भी रहा.

2004 और 2009 में पार्टी का परफॉर्मेंस हो या फिर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का मेरा निर्णय. यह व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए संतोषजनक रहा. इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का मुझे पूरा सहयोग मिला. जिस बात से मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि है, वह ये कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ अब मेरी पारी समाप्त हो सकती है. ये पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है.

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि ये देश और कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण समय है. बीजेपी और आरएसएस ने देश की हर संस्था पर कब्जा कर लिया है, और अब उसे बर्बाद कर रहे हैं. इसने कुछ कारोबारियों को फायदा पहुंचाकर आर्थिक तबाही मचा दी है. इससे पूरे देश को लड़ना होगा. इस विपरित समय में भारत जोड़ो यात्रा उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है. इसने साबित कर दिया है कि भारत के लोग सद्भाव, सहिष्णुता और समानता चाहते हैं.

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बहुत कुछ हासिल भी किया है. एक अच्छा समय भी देखा, बहुत कुछ हासिल किया, मगर अब एक मुश्किल दौर से गुजर रही है. पिछले दिनों देश में नफरत के कारण महिलाओं, आदिवासियों, गरीबों और पिछड़ों पर हमले किए गए. ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे खत्म करें. कांग्रेस केवल एक पार्टी नहीं है ये एक विचार है और जीत केवल हमारी होगी.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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