Friday, April 19, 2024
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मिशन 2024 : राहुल गांधी से मिलकर नीतीश ने शुरू की विपक्षी एकता की शुरुआत 

मिशन 2024 : राहुल गांधी से मिलकर नीतीश ने शुरू की विपक्षी एकता की शुरुआत

 

बिहार में बीते दिनों एनडीए से अलग हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को दिल्ली पहुंचते ही अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है. उन्होंने कहा कि मेरी प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है. मैं बस यही चाहता हूं कि विपक्ष एक साथ आए और बीजेपी के खिलाफ हम एकजुट होकर लड़े. वहीं सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि जदयू का लक्ष्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष का चेहरा बनाना है. बता दें कि एनडीए छोड़कर महागठबंधन में लौटने के बाद नीतीश कुमार का यह पहला राजधानी दिल्ली का दौरा है.

मालूम हो कि बिहार में सियासी परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को तीन दिन के दिल्ली दौरे पर पहुंचे हैं. यहां उन्होंने सबसे पहले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. उसके बाद नीतीश ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. इसी के साथ नीतीश कुमार एनसीपी प्रमुख शरद पवार, जनता दल (एस) के प्रमुख एचडी कुमारस्वामी, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं, वाम दलों से जुड़े सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार मंगलवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा से मुलाकात करेंगे. बताते चलें कि बीते दिनों तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने पटना में नीतीश कुमार से मुलाकात की थी.

बताया जा रहा है कि बीजेपी से अलग होने से पहले नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत की थी वहीं, दिल्ली पहुंचते ही राहुल गांधी से उन्होंने सबसे पहले मुलाकात की है. मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी दिल्ली में मिलना चाहते थे, लेकिन वह देश से बाहर हैं. बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं. और विपक्षी नेताओं से उनकी मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. जदयू के कई नेताओं ने हाल के दिनों में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से नीतीश को विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त चेहरा बताया है. हालांकि, खुद नीतीश ने कहा है कि वह इस दौड़ में शामिल नहीं हैं.

जदयू के सहयोगियों की मानें तो नीतीश कुमार स्पष्ट संदेश चाहते है कि वो किसी भी विपक्षी एकता के प्लानिंग के लिए कांग्रेस को केंद्र मानते हैं. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि छोटे दलों ने पहले कांग्रेस को दूर रखकर अपने हाथ जलाए थे. कांग्रेस अभी भी बीजेपी की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी है. कांग्रेस के बिना विपक्ष की एकता संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे के साथ हमारा प्रयोग वीपी सिंह के समय से एचडी देवेगौड़ा और आईके गुजराल तक विफल रहा है. आज के समय में बीजेपी के खिलाफ हमें एक ऐसे मोर्चे की जरूरत है, जिसमें कांग्रेस हो और अन्य छोटी पार्टियां उसके इर्द-गिर्द रैली कर रही हों.

जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार आने वाले महीनों में अधिक से अधिक विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि यह शिष्टाचार मुलाकातों का दौर होगा. नीतीश कुमार को पहले ही शरद पवार, उद्धव ठाकरे, सीताराम येचुरी और अन्य लोगों से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल चुकी है. चूंकि, नीतीश कुमार बिहार के सीएम के रूप में उच्च साख के साथ एक आत्मसात करने वाले व्यक्ति रहे हैं, इसलिए हम एक समान एजेंडे के साथ विपक्ष के एकजुट होने की बहुत आशान्वित हैं. जदयू ने कहा कि नीतीश कुमार को हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला से भी 25 सितंबर को अपने पिता स्वर्गीय चौधरी देवी लाल की जयंती में शामिल होने का निमंत्रण मिला है, और संभवत: वो इसमें शामिल भी होंगे. नीतीश कुमार सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए जनता दल के दिनों के अन्य शीर्ष नेताओं से भी मिल सकते हैं.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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