Friday, March 29, 2024
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बिहार उपचुनाव परिणाम: ओवैसी और बसपा की वजह से आरजेडी के हाथ से निकल गई गोपालगंज सीट

बिहार में दो सीटों मोकामा और गोपालगंज पर हुए चुनाव में मोकामा में जहां आरजेडी को जबरदस्त जीत हुई है तो वहीं गोपालगंज सीट बीजेपी के हाथ लगी है. पहले भी ये दोनो सीटें राजद और बीजेपी के पास ही थी . मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए यह काफी महत्वपूर्ण चुनाव था. आरजेडी-जेडीयू गठबंधन के सत्ता में आने के बाद पहली बार विधानसभा सीट पर चुनाव हुआ है.

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मोकामा विधानसभा सीट पर जीत हासिल की. हालांकि पहले भी यहां आरजेडी का ही कब्जा था. वहीं गोपालगंज विधानसभा सीट पर एक बार फिर से बीजेपी ने जीत हासिल की और आरजेडी को यहां पर करीब 1800 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. मोकामा से आरजेडी प्रत्याशी नीलम देवी ने जीत हासिल की, जबकि गोपालगंज से बीजेपी प्रत्याशी कुसुम देवी ने जीत हासिल की.

गोपालगंज विधानसभा सीट पर आरजेडी के लिए सबसे बड़ा खतरा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और मायावती की बहुजन समाज पार्टी रही. ओवैसी की पार्टी को 12000 से अधिक वोट मिले जबकि करीब 9000 वोट बीएसपी को भी मिले. माना जा रहा है कि अगर ओवैसी की पार्टी और बीएसपी चुनाव मैदान में नही होती तो गोपालगंज सीट भी राजद को मिल जाती. पटना में अब खुले आम ये कहा जा रहा है कि ओवैसी और बीएसपी परोक्ष रूप से बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं.

गोपालगंज सीट पर लालू प्रसाद यादव के बेटे और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आक्रामक प्रचार किया था. ऐसा इसलिए क्योंकि यह पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का गृह जिला भी है. लेकिन 2005 से अभी तक इस सीट पर आरजेडी को जीत हासिल नहीं हुई है. वहीं मोकामा में आरजेडी ने बीजेपी को 16,000 से अधिक मतों से हराया. आरजेडी प्रत्याशी और बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने बीजेपी की सुमन देवी को हराया.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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