Friday, March 29, 2024
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फिर सुर्ख़ियों में आया कांग्रेस का ग्रुप 23

राहुल गाँधी के साथ ही सोनिया गाँधी भी ग्रुप 23 के फिर से निशाने पर आ गए हैं. G-23 फिर से जाग गया है, और लगता है कि इस बार कांग्रेस के भीतर बड़ा खेल होगा. या तो G-23 के नेता पार्टी छोड़ेंगे या फिर पार्टी के भीतर रहकर ही राहुल और सोनिया गाँधी का विरोध करते रहेंगे. ऐसे में कांग्रेस के भीतर जो संगठन के चुनाव चल रहे हैं या फिर होने वाले हैं. उसे प्रभावित करने की तैयारी भी चल रही है. सोनिया गाँधी इलाज के लिए देश से बाहर गई हुई हैं और उनकी अनुपस्थिति में ही गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से अपना सम्बन्ध तोड़ा है. कई गंभीर इल्जाम भी लगाए हैं. आजाद की राजनीति आगे क्या कुछ करेगी यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन इतना तो साफ़ झलकता है कि कांग्रेस आज भी देश की सबसे पुरानी और बीजेपी के बाद दूसरी पार्टी होते हुए भी उसके भविष्य पर ग्रहण लगा हुआ है.

बीते दिनों गुलाम नबी आजाद ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है. उनसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद, जयवीर शेरगिल और हार्दिक पटेल जैसे कई बड़े नेता भी कांग्रेस को अलविदा कह चुके थे. सबसे बड़ी बात यह है कि इनमें से कई नेताओं ने अपने इस्तीफे में राहुल गांधी और मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए है. आजाद ने भी सोनिया गांधी को लिखे पांच पेज के इस्तीफे में G-23 समूह का भी जिक्र किया है. इसी के साथ एक बार फिर G-23 सुर्खियों में आ गया है.

कांग्रेस छोड़ते हुए गुलाम नबी आजाद समेत पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी नेतृत्व खासकर राहुल गांधी को लेकर जमकर निशाना साधा था. सभी ने इस्तीफे में लिखा कि राहुल गांधी पार्टी नेताओं के प्रति बेरूखी दिखाते हैं और वह अनुभवहीन लोगों से घिरे हुए हैं. अपने पत्र में गुलाम नबी ने लिखा है कि राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री खासतौर पर साल 2013 में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस के भीतर सलाह लेने की पूरी प्रक्रिया खत्म हो गई है. वहीं, 18 वर्षों से कांग्रेस के साथ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में पार्टी नेतृत्व के साथ झगड़े के चलते इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस के दिग्गज चेहरों में शामिल कपिल सिब्बल ने भी पार्टी आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए बीते दिनों पार्टी छोड़ दिया था. उन्होंने कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े किए थे.

बता दें कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता G-23 समूह में शामिल हैं. अगस्त 2020 में जब पहली बार इन नेताओं का समूह चर्चा में आया तब इसमें 23 नेता शामिल थे और इसलिए इन्हें G-23 कहा गया था. उस वक्त इस समूह ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी. इस पत्र में 23 नेताओं के हस्ताक्षर थे. ग्रुप में शामिल रहे जितिन प्रसाद बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं, कपिल सिब्बल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा सांसद हैं. सिब्बल के बाद अब गुलाम नबी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. जबकि, योगानंद शास्त्री भी शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम चुके हैं. हाल के दिनों में कुछ नेताओं ने खुद को G-23 ग्रुप से अलग कर लिया है.

G-23 में कई नेता शामिल रहे हैं. ये सभी नेता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे हैं. इनमे गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजिंदर कौर भट्टल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, अजय सिंह, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा इन ग्रुप में शामिल है. वहीं, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री पार्टी छोड़ चुके हैं.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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