बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने 2000 रुपए के नोट पर पाबंदी लगाने की मांग की है. राज्यसभा में सुशील मोदी ने कहा कि बड़े नंबर्स के जो नोट हैं उनसे ब्लैकमनी रखने की संभावना ज्यादा होती है. ऐसे में 2000 के नोट को बंद कर देना चाहिए. सुशील मोदी के इस बयान के बाद बीजेपी की परेशानी बढ़ गई है. पार्टी के भीतर ही कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं. और कहा जा रहा है कि सुशील मोदी का बयान सीधे तौर पर पीएम मोदी के नोटबंदी पर हमला है. विपक्ष ने बीजेपी को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है.
राज्यसभा में सार्वजनिक महत्व के मामलों पर चर्चा के दौरान सदन में सोमवार को मोदी ने कहा कि 2000 रुपए के नोटों का इस्तेमाल ब्लैक मनी, आतंकी फंडिंग, ड्रग्स तस्करी और जमाखोरी करने के लिए किया जा रहा है. अगर ब्लैकमनी को रोकना है, तो 2000 रुपए के नोट को बंद करना होगा. 2000 के नोट के सर्कुलेशन का अब कोई औचित्य नहीं है.
मोदी ने कहा कि यदि हम अमेरिका, चीन, जर्मनी, जापान जैसी प्रमुख विकसित इकोनॉमिज को देखें, तो उनके पास 100 से ऊपर की कोई करेंसी नहीं है. इसलिए केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और इसे धीरे-धीरे बैन करना चाहिए ताकि लोगों को 2000 रुपए के नोट को बदलने के लिए मिल सके.
बताते चलें कि रिजर्व बैंक 2000 रुपए के नोट छापना बंद कर चुका है. धीरे-धीरे बाजार में भी 2000 के नोट दिखने बंद हो गए हैं. सुशील मोदी ने इस मामले को उठाकर यह भी संकेत दिए कि आने वाले समय में केंद्र सरकार 2000 के नोट पर पाबंदी लगा सकती है.
मालूम हो कि सुशील मोदी ने ही कुछ समय पहले संसद में सांसदों के केंद्रीय विद्यालय के कोटा को समाप्त करने की मांग उठाई थी और बाद में केंद्र सरकार ने सभी लोकसभा राज्यसभा सदस्यों के केंद्रीय विद्यालय के कोटे को समाप्त कर दिया था.
8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने नोटबंदी की थी जिसमें 500 और 1000 के नोट के प्रचलन पर पाबंदी लगा दी गई थी. उसके बाद 500 के और 2000 के नए नोट को लाया गया था लेकिन, धीरे-धीरे बाजार में 2000 रुपए के नोट दिखाई देना बंद हो गए.
सुशील मोदी के नोटबंदी वाले बयान पर जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा ने कहा कि सुशील मोदी का यह बयान अपनी ही सरकार के खिलाफ दिया गया बयान है. पहले तो उनकी अपनी ही केंद्र की सरकार ने नोटबंदी की. 1000 के नोट को बंद करके 2000 के नोट लाए. अब अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कि इससे ब्लैकमनी और जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. सुशील मोदी जिस तरह से राज्यसभा में बोल रहे थे उसी तरह से अपने पार्टी के अंदर भी इसका विरोध करें.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि यह कमाल की बात है. सुशील मोदी जी के इस बयान का स्वागत करना चाहिए. इसमें भी साजिश है कि तब जनता इसका विरोध कर रही थी. अब फिर एक बार जनता के बीच में जाना है तो इस तरह की बातें हो रही है. तिवारी ने कहा कि सीनियर मोदी जब 2000 का नोट लेकर आए थे तो जूनियर मोदी ने कहा था कि आतंकवाद की कमर तोड़ दी है. अब इसका विरोध कर रहे हैं. यह पहली दफा हो रहा है कि पार्टी में रहते हुए पार्टी के फैसलों का विरोध हो रहा है.