Friday, April 19, 2024
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तंज़ीम अइम्म-ए-मसाजिद के दफ्तर पहुंचे आरएसएस प्रमुख, इलियासी ने भागवत को बताया राष्ट्र पिता

 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पहली बार गुरुवार सुबह दिल्ली स्थित एक मस्जिद में पहुंचे थे. ये मस्जिद ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन का ऑफिस भी है. दरअसल इस मस्जिद के परिसर में ही मौलाना जमील इलियासी की कब्र भी है. दरअसल, वह मौलाना जमील इलियासी की बरसी पर यहां पहुंचे थे. उनके साथ संघ के सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल, वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार, और रामलाल भी मौजूद रहे.

 

इस दौरान आरएसएस प्रमुख ने मस्जिद में मौलाना जमील इलियासी की कब्र पर फूल चढ़ाए. उसके बाद कस्तूरबा गांधी मार्ग पर बनी इस मस्जिद के बंद कमरे में भागवत ने करीब एक घंटे इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख डॉ. उमेर इलियासी और कुछ उलेमा देश के मौजूदा हालात पर बातचीत की. बताया जा रहा है कि आरएसएस प्रमुख ने डॉ. इलियासी के बुलावे पर उत्तरी दिल्ली में स्थित मदरसा तजवीदुल कुरान का भी दौरा किया, जहां वो बच्चों से भी मिले.

 

मरहूम मौलाना जमील इलियासी के बेटे और पत्रकार सुहैब इलियासी ने कहा कि मोहन भागवत का किसी मस्जिद में आना मुल्क के लिए बड़ा संदेश हैं. हमारे लिए ये खुशी का मौका है. मोहब्बतों का पैगाम है. इसे इतना ही देखा जाना चाहिए. इसमें नहीं पड़ना चाहिए कि मोहन भागवत मस्जिद क्यों गए. मुल्क के लिए ये सुखद परिस्थिति है. इससे मोहब्बत का एक पैगाम जाता है. सुहैब ने ये भी कहा कि मोहन भागवत ऐसे नहीं हैं, जैसी कि उनकी छवि पेश की जाती है. उन्होंने श्रीमदभागवत गीता पर लिखी मेरी किताब को देखा और सराहा. सुहैब ने कहा कि आरएसएस प्रमुख एक पारिवारिक कार्यक्रम के तहत यहां आए थे.

 

मुलाकात के बाद डॉ. उमेर इलियासी ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि करार दिया. उन्होंने कहा कि हमारा डीएनए एक ही है, सिर्फ इबादत करने का तरीका अलग है.

 

बता दें कि आरएसएस ने हाल ही मुसलमानों से संपर्क बढ़ाया है, इसी के तहत भागवत मुस्लिम समुदाय के अहम नेताओं के साथ कई बैठकें भी कर चुके हैं. पिछले महीने ही मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक ग्रुप ने आरएसएस प्रमुख सेमुलाकात की थी. इस दौरान हिंदू-मुस्लिम के बीच सौहार्द के लिए काम करने पर सहमति बनी थी. पिछले साल भी भागवत ने मुंबई के एक होटल में मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह के साथ मुलाकात की थी. इससे पहले सितंबर 2019 में भागवत ने दिल्ली स्थित आरएसएस कार्यालय में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी से भी मुलाकात की थी.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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