Tuesday, March 19, 2024
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झारखंड में खेला: सीएम हेमंत पर ईडी की दबिश तो हेमंत सरकार ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के मंत्रियों पर बैठाई जांच 

कोई किसी से कम नहीं. केंद्र के निशाने पर हेमंत की सरकार है. बार बार ईडी हेमंत सरकार के खिलाफ सम्मन भेज रही है. उधर हेमंत सरकार ने अब जैसे को तैसा वाली राजनीति पर पूर्व की रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के खिलाफ जांच की शुरुआत कर दी है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्ववर्ती बीजेपी की रघुवर दास सरकार के पांच मंत्रियों नीरा यादव, रणधीर कुमार सिंह, अमर कुमार बाउरी, नीलकंठ सिंह मुंडा और लुईस मरांडी की संपत्ति में अप्रत्याशित वृद्धि के मामले में मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को मामला दर्ज कर जांच शुरू करने का निर्देश दिया है. वर्ष 2020 में इन पांच तत्कालीन मंत्रियों की संपत्ति की जांच की मांग को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की गयी थी.

इस याचिका में प्रार्थी पंकज कुमार यादव ने आरोप लगाया था कि बहुत कम समय में मंत्रियों की आय में अप्रत्याशित तौर पर वृद्धि हुई है. इसके प्रमाण में निर्वाचन आयोग के समक्ष उनकी संपत्ति के विवरण से संबंधित दाखिल शपथ पत्र का हवाला दिया गया था. इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पूर्व में निगरानी विभाग ने एंटी करप्शन ब्यूरो को इसकी जांच कराने का आदेश दिया था.

बताया गया है कि एसीबी ने प्रारंभिक जांच में सत्यापन किया है कि इन पांचों पूर्व मंत्रियों के पास उनकी आय से अधिक संपत्ति है. एसीबी की रिपोर्ट के आधार पर अब मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल एवं निगरानी विभाग को पी.ई. दर्ज कर आगे जांच करने का निर्देश दिया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इन सभी के खिलाफ अलग-अलग पी.ई. दर्ज की जाएगी.

जिस पीआईएल के दस्तावेजों के आधार पर एसीबी ने इन पूर्व मंत्रियों से जुड़े मामले की प्रारंभिक जांच की थी, उसमें यह कहा गया है कि वर्ष 2014 में अमर बाउरी की संपत्ति 7.33 लाख थी, जो 2019 में 89.41 लाख हो गई. इसी तरह रणधीर कुमार सिंह की ओर से 2014 में घोषित 78.92 लाख की संपत्ति साल 2019 में बढ़कर 5.06 करोड़ हो गई.

इन्हीं पांच वर्षों के दौरान नीरा यादव की संपत्ति 80.59 लाख से बढ़कर 3.65 करोड़, लुईस मरांडी की संपत्ति 2.25 करोड़ से बढ़कर 9.06 करोड़, नीलकंठ सिंह मुंडा की संपत्ति 1.46 करोड़ से बढ़कर 4.35 करोड़ हो गई. आंकड़ों के मुताबिक इन पूर्व मंत्रियों की संपत्ति में सिर्फ पांच वर्षों में 200 से लेकर 1100 फीसदी तक की वृद्धि हुई थी.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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