Friday, April 19, 2024
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जापान में हो रही क्वाड की बैठक में भारत के रुख पर टिकी निगाहें

अखिलेश अखिल

जापान में 24 मई को होने जा रही क्वाड बैठक में भारत का रुख क्या होगा इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. इस अहम बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा होगी हालांकि भारत का स्टैंड क्या होगा इसको लेकर संशय बना हुआ है. बता दें कि क्वाड के बाकी तीनों सदस्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया, रूस के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि भारत को एक बार फिर दबाव का सामना करना पड़ सकता है. भारत पहले भी साफ संकेत दे चुका है कि वह अपने पुराने रुख पर आगे भी कायम रहेगा और अमेरिका या क्वाड सूमह के दबाव में बिल्कुल भी नहीं आएगा.
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा, भारत का रुख स्पष्ट है. हम यह आज से नहीं बल्कि जब से यह युद्ध शुरू हुआ है तभी से कह रहे हैं कि युद्ध तत्काल रुकना चाहिए. समस्या का समाधान वार्ता और कूटनीति से निकाला जाए. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से क्वाड में इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी लेकिन इस पर हमारी नीति स्पष्ट है.
दरअसल, यह अटकलें लगाई जा रही थी कि बदलती भू राजनीतिक स्थितियों में क्वाड के मंच पर तीनों सदस्य देशों की ओर से भारत को यूक्रेन मुद्दे पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है. इसी प्रकार यूक्रेन युद्ध के चलते ही उत्पन्न हुए गेहूं संकट और भारत के गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित करने से भी पश्चिमी देश खुश नहीं हैं. लेकिन इस मुद्दे पर भी भारत अपनी नीति में किसी प्रकार के बदलाव के पक्ष में नहीं दिख रहा है.
जानकारी के मुताबिक बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा होगी. चुनौतियों के दायरे में चीन के आक्रामक रुख को लेकर भी बातचीत हो सकती है. दरअसल, चीन के साथ पिछले दो साल से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध कायम है. 15 दौर की सैन्य वार्ता के बावजूद कई स्थानों से चीन पीछे नहीं हट रहा है. साथ ही वह कब्जे वाले क्षेत्र में लगातार पुलों का निर्माण कर रहा है. भारत चीन की आक्रामकता के मुद्दे को बैठक में उठा सकता है. इसके अलावा श्रीलंका की स्थिति को लेकर भी क्वाड में चर्चा होना तय माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में 24 मई को क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. वह लगभग 40 घंटे के अपने जापान प्रवास के दौरान विश्व के तीन नेताओं के साथ बैठक समेत 23 कार्यक्रमों में शामिल होंगे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मोदी सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ऑस्ट्रेलिया तथा जापान के प्रधानमंत्रियों के साथ शामिल होंगे. सूत्रों ने बताया कि मोदी अपनी यात्रा के दौरान 30 से अधिक जापानी सीईओ और सैकड़ों भारतीय प्रवासी सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री एक रात टोक्यो में बिताएंगे और दो रात विमान में यात्रा करेंगे.
यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच हो रहे शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. मोदी अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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