Wednesday, April 24, 2024
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कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का बीजेपी और संघ पर निशाना, लगाए कई आरोप 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी और संघ पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वयं और अपने संस्थानों को पूरी तरह से आरएसएस के फरमानों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. खड़गे संविधान दिवस पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है, जो समाज सेवा की आड़ में घृणित प्रचार को आगे बढ़ाता है. वास्तव में, आरएसएस और बीजेपी शब्दों का परस्पर उपयोग करना अब गलत नहीं है.” उन्होंने दावा किया कि 2014 में केंद्र में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से आरएसएस ने इसे ‘संविधान में निहित स्वतंत्रता को कम करने के लिए हर अवसर पर राजनीतिक वाहन’ के रूप में इस्तेमाल किया है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएस कैडर का रचनात्मक संवाद का एकमात्र विकल्प हिंसा है. इस समूह और इसके दूतों की स्वाभाविक प्रवृत्ति केवल तोड़फोड़ करने की है और उनकी एकमात्र प्रेरणा देश को धार्मिक, जाति और सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना है. उन्होंने यह भी दावा किया कि आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले लोग दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को आरक्षण की संवैधानिक गारंटी के खिलाफ हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने विपक्ष के लिए असंतोष व्यक्त करने के सभी रास्ते प्रतिबंधित कर दिये हैं.

खड़गे ने कहा ‘‘ विपक्ष द्वारा किसी भी असंतोष को केंद्रीय जांच एजेंसियों – सीबीआई और ईडी आदि के खिलाफ जबरदस्ती दुरुपयोग करके‘निपटाया’जा रहा है. भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के कामकाज और स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया गया है. चुनावी बॉन्ड की अपारदर्शी प्रणाली को धन के रूप में लागू किया गया है. सत्तारूढ़ दल को अनुचित लाभ देने के लिए विधेयक लाया गया है.”

खड़गे ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ कांग्रेस पार्टी ने नफरत फैलाने वाली ताकतों और सामाजिक – आर्थिक अभाव की ताकतों के खिलाफ इस महत्वपूर्ण मोड़ पर देश को एकजुट करने के लिए एक मिशन शुरू किया है. उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अपनी संवैधानिक नैतिकता की रक्षा के लिए हमेशा इसे अपने ऊपर लिया है.”

उन्होंने अपील करते हुए कहा, ‘‘इस संविधान दिवस के मौके पर आइए, हम एकजुट होकर भारत को उसके संवैधानिक मूल्यों की ओर वापस लाने और राष्ट्र को ऐसे समय में बहाल करने का दायित्व लें.” उन्होंने जोर दिया कि इस नए ‘आधिपत्य’ स्वभाव को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका वैचारिक और नैतिक ताकत से इसका मुकाबला करना है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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