इज़राइल के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्ज़ी हलवी ने सरकार को चेतावनी देते हुए खरदार किया है कि न्यायिक सुधारों को लेकर सेना के भीतर भी जबरदस्त विभाजन हो सकता है. सेना प्रमुख जनरल हर्ज़ी हलवी का कहना है कि न्यायिक सुधारों पर संघर्ष के कारण युवा इज़राइली सेना में अनिवार्य सेवा देने से इंकार कर सकते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योफ गैलेंट के साथ मुलाकात के दौरान यह बात कही है.
इजरायली सेना प्रमुख ने कहा कि रिज़र्व फॉर्सेज़ में शामिल लोगों ने कहा है कि न्यायिक सुधारों के विरोध में अनिवार्य सैन्य सेवा का वो हिस्सा नहीं बनेंगे.
सेना प्रमुख की इन आपत्तियों को सुनने के बाद रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री से न्यायिक सुधारों के मुद्दे पर सहयोगी दलों और विपक्ष के साथ बातचीत करने का आग्रह किया है, ताकि प्रदर्शनकारियों को समझने के लिए राजी किया जा सके.
पूर्व रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने भी चिंता जताते हुए कहा कि सुधार विधेयक के विरोध में सेना और देश को कमजोर करना सही रवैया नहीं है.
इज़राइली आर्मी प्रमुख का यह बयान उस समय सामने आया है जब इजरायली वायु सेना की एक एलीट यूनिट में 40 पायलटों में से 37 ने घोषणा की है कि वो न्यायिक सुधारों के विरोध में इस सप्ताह के लिए निर्धारित अभ्यास में हिस्सा नहीं लेंगे.
बता दें कि इज़राइल के कई अहम शहरों में न्यायिक सुधार के विरोध में लाखों लोग सड़कों पर हैं, इसे इजराइल के इतिहास का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया गया है. इसके अलावा यरुशलम, हाइफा, बेर्शेबा, हर्ज़लिया समेत देश भर के कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर मौजूद हैं.
पिछले दिनों राजधानी तेल अवीव में न्यायिक सुधार बिल के खिलाफ प्रदर्शनकरियों प्रधानमंत्री नेतन्याहू की पत्नी को एक पार्लर में कई घंटे तक बंधक बनाए रखा था, कई घंटों की मेहनत के बाद सेना ने सारा नेतन्याहू को पार्लर से सकुशल बाहर निकाल लिया था.