Thursday, April 25, 2024
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क्या कांग्रेस ने गुजरात में स्वीकार कर ली है हार ?

गुजरात में कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा तो कर रही है, लेकिन इस चुनाव से अभी तक गांधी परिवार पूरी तरह से अलग है. गुजरात चुनाव घोषणा के बाद जहां बीजेपी पूरी मजबूती के साथ फिर से सत्ता में वापस लौटने की कोशिश कर रही है वही केजरीवाल की पार्टी ‘आप’ की पकड़ भी काफी मजबूत होती जा रही है. कहने को कांग्रेस भी प्रचार तो कर रही, लेकिन न तो सोनिया गांधी, न राहुल गांधी और न ही प्रियंका गांधी अभी तक गुजरात पहुंचे है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा से निकल कर गुजरात चुनाव में प्रचार करने जायेंगे. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी अभी तक गुजरात से दूरी बनाए हुए हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि आप की इंट्री से त्रिकोणीय चुनाव में कांग्रेस ने पहले ही अपनी हार मान ली है.

गुजरात में ‘आप’ की एंट्री ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाते हुए गुजरात चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. बता दें कि गुजरात में अभी तक हुए विधानसभा चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच में रहा है. हालांकि, गुजरात में पिछले छह चुनावों से कांग्रेस विपक्ष में बनी है. वहीं, गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी एक तीसरे दल के तौर पर सामने आई है, और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को उम्मीद है कि वो यहां कुछ बड़ा कर सकते हैं. ऐसे में सत्ता पाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही कांग्रेस के लिए इस बार के चुनाव में चुनौती और अधिक बढ़ गई है. एक तरफ गुजरात में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए ‘आप’ जहां पूरी ताकत के साथ जुटी है. वहीं, बीजेपी को लगातार सातवीं बार गुजरात की सत्ता पर काबिज होने से रोकने के लिए कांग्रेस के लिए बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी बड़ी चुनौती बनी है.

विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा के बावजूद कांग्रेस के सभी बड़े दिग्गज नेता गुजरात से दूरी बनाए हुए हैं. संभावना जताई जा रही है कि चुनाव प्रचार से सोनिया गांधी और राहुल गांधी दूर ही रहेंगे. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों से सोनिया गांधी कांग्रेस के प्रचार अभियान से दूर रहेंगी. वहीं, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी के लिए गुजरात में पार्टी के पक्ष में प्रचार करने के लिए आने की संभावना फिलहाल नहीं है.

चुनाव पूर्व जनता का मूड भांपने के लिए सी-वोटर ने गुजरात में ताजा सर्वे किया है. अक्टूबर महीने में किए गए इस सर्वे में करीब 23 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था. एबीपी न्यूज सी-वोटर के इस सर्वे में लोगों से जब यह पूछा गया कि गुजरात में किस पार्टी की सरकार बनेगी ? जवाब में 56 प्रतिशत लोगों ने बीजेपी, 17 फीसदी ने कांग्रेस और 20 प्रतिशत लोगों ने आम आदमी पार्टी की जीत की उम्मीद जताई है. इधर, सियासी गलियारों में भी चर्चा तेज हो गई है कि कांग्रेस को इस बात का अंदेशा हो गया है कि गुजरात की सत्ता से इस बार भी बीजेपी को दूर करना मुश्किल है. इसी कारण पार्टी के दिग्गज अपना ज्यादा ध्यान भारत जोड़ो यात्रा पर केंद्रित किए हुए है. इधर, राजनीति के जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा तभी सफल मानी जाएगी, जब गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करे. इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे की सफलता भी काफी हद तक इन्हीं दोनों राज्यों के चुनाव पर टिकी है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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