Thursday, March 28, 2024
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‘आप’ के हवाले दिल्ली एमसीडी, बीजेपी की सत्ता छीन आम आदमी पार्टी ने पाया बहुमत

हजारों करोड़ रुपये के बजट वाली दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी ने अपना झंडा लहरा दिया है. 15 साल से एमसीडी में सत्ता पर काबिज बीजेपी को आम आदमी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

250 सीटों वाली दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104, कांग्रेस को 9 और निर्दलीय को 3 सीटों पर जीत मिली है. जहां तक वोट शेयर की बात है तो ‘आप’ को 42.05 प्रतिशत वोट मिले. बीजेपी को 39.09 फीसदी वोट मिले हैं. कांग्रेस को महज 11.68 प्रतिशत वोट ही मिल पाए.

जीत के बाद ‘आप’ मुख्यालय पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता ने 15 साल की भ्रष्ट बीजेपी सरकार को हटा कर केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सराकार बनाने के लिए बहुमत दिया है. इसके लिए जनता का धन्यवाद. ये हमारे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. दिल्ली के लोगों ने मुझे दिल्ली की सफाई, भ्रष्टाचार को दूर करने, पार्क को ठीक करने के साथ कई सारी जिम्मेदारियां दी हैं. मैं दिन रात मेहनत करके कोशिश करूंगा कि आपके इस भरोसे को कायम रखूं. मैं दिल्ली के लोगों के बधाई देना चाहता हूं. इतनी बड़ी और शानदार जीत के लिए, इतने बड़े बदलाव के लिए मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं.

केजरीवाल ने कहा कि जितने भी उम्मीदवार जीते हैं, उन सभी को बहुत बहुत बधाई. आम आदमी पार्टी, बीजेपी, कांग्रेस, निर्दलीय उम्मीदवारों को भी बधाई. जो हारे हैं, उन्हें भी निराश होने की जरूरत नहीं. सभी को मिलकर काम करना है. सभी के सहयोग से दिल्ली को ठीक करेंगे.

इस बीच मंगलवार देर शाम को ही दिल्ली बीजेपी प्रदेश पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में पार्टी को मिली हार के साथ ही एमसीडी मेयर को लेकर भी चर्चा हुई. एमसीडी चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर लेने के बाद भी मेयर आम आदमी पार्टी को होगा या नहीं, इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है.

सूत्रों के मुताबिक “एमसीडी का मेयर वोटिंग से चुना जाएगा, इसमें 250 चुने हुए पार्षद के अलावा दिल्ली के तीन राज्यसभा और सात लोकसभा सांसद भी वोट करेंगे. इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल 12 सदस्यों को नॉमिनेट करते हैं जो मेयर चुनने के लिए अपने वोट का इस्तेमाल करते हैं.”

दिल्ली एमसीडी चुनाव में चुने हुए पार्षद पार्टी के मेंबर नहीं होते हैं. कोई भी पार्षद किसी भी पार्टी को सपोर्ट कर सकता है, उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होता है. ऐसा पहले भी हुआ है कि एमसीडी में बहुमत किसी पार्टी को मिला हो और मेयर किसी दूसरी पार्टी ने बनाया हो.

उधर हार के बावजूद भी कांग्रेस इस चुनाव को अपने लिए संजीवनी मान रही ह. दरअसल, इस सियासी बाजी में वोट प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनावों से तीन गुना ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है. जबकि आम आदमी पार्टी का बीते विधानसभा के चुनाव और एमसीडी के चुनावों में वोट प्रतिशत कम हुआ है. भारतीय जनता पार्टी नगर निगम की सत्ता गंवाने के बाद भी वोट प्रतिशत में यथास्थिति में ही बनी हुई है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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